अनमोल दोहे
Menu
होम
दोहा काव्य
रचयिता
लेख
संपर्क
रसखान के अनमोल दोहे - 2
लोक-वेद-मरजाद सब लाज काज संदेह।
देत बहाए प्रेम करि,विधि निषेध को नेह॥1॥
रसखान
» मुख्यपृष्ठ
» अन्य पृष्ठ:
[1]
[2]