नागरीदास का जन्म संवत् १७५६ में हुआ था। इनका मूल नाम सांवतसिंह था जो कृष्णगढ़ (राजस्थान) के राजा थे। गृहकलह से इनका मन विरक्त हो गया, राज्य का शासन भार सा प्रतीत होने लगा। राजकाज छोड़कर नागरीदास वृन्दावन को चल दिए वहाँ ब्रजवासियों ने बड़े प्रेम से इनका स्वागत किया।
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