अनमोल दोहे
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गुरुनानक के अनमोल दोहे - 1
पवणु गुरु पानी पिता माता धरति महतु।
दिवस रात दुई दाई दाइआ खेले सगलु जगतु॥1॥
गुरुनानक
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